//क्या लिखता है//
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भोर सवेरा क्या लिखता है
तेरा मेरा क्या लिखता है।
किरणें अलसाई लगती हैं
देख अँधेरा क्या लिखता है।
व्यथा कथा का अंत नही है
उजड़ा डेरा क्या लिखता है।
निष्ठुर समय कटे नहि काटे
दर्द उकेरा क्या लिखता है।
किसके मन मे क्या बैठा है
पाप का घेरा क्या लिखता है।
विस्मृत कर आराम कहाँ है
समय का फेरा क्या लिखता है।
तुम्हें ज्ञात क्या लूटा किसने
और लुटेरा क्या लिखता है ।
विजय कल्याणी तिवारी
बिलासपुर छ.ग.