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रंगोगुलाल होली के, हम भी लाये हैं 
खुशियों के गुलाल  ,हम भी लाये हैं ।

रंगों से सजे संवरे, हमने भी देखा है  ।
सपने साथ अपने ,हम भी लाये हैं ।

बहारें लिए फागुन ,फिर से आया है 
स्वागत में टेसूओं ने ,फूल बिछाये हैं ।

होली के रंग उनपे ,फीके लगते हैं 
श्याम ने जिनपे रंग ,अपने लगाये हैं ।

उमंगें लेकर फागुन ,फिर से आया है 
हमने भी फागुन में ,जीवन बिताये हैं ।

राघवेन्द्र दुबे बिलासपुर